मोहब्बत की है तुमसे, बेफिक्र रहो, नाराजगी हो सकती है, पर नफरत कभी नहीं होगी।

इश्क की बारिश में दिल को भीगा दे, मोहब्बत की रातों में ख्वाब सजा दे।

खुद को समेट लेते हैं हम हर दर्द के साथ, इश्क़ के सफ़र में तू कभी हमारा था ही नहीं।

तलब ऐसी की, सांसो में समां लूं तुझे। और मेरी किस्मत ऐसी है की, मैं सिर्फ तुझे देखने का मोहताज़ हूँ।

अच्छी थी कहानी पर अधूरी रह गई । इतनी मोहब्बत के बाद भी, दूरी रह गई।

मोहब्बत क्या है उस इंसान से पूछो, जिसने दिल टूटने के बाद भी, उसका इंतज़ार किया है।

मेरी पसंद हमेशा लाजवाब होती है, यकीन ना हो तो अपनी तरफ देख लेना।

तुझे रोज़ देखू करीब से, मेरे शौक भी है बड़े अजीब से, मैं बहुत ही खुश हु जोड़कर, नसीब अपने तेरे नसीब से।

देखा है मैंने इस दुनिया का रिवाज़-ए-इश्क़, जहां आम से खास हो जाते हैं, फिर खास से खाक।

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